अब देश के चर्चित बिजनेस स्कूलों एवं इंजीनियरिंग के युवा राष्ट्रीय स्वयं
सेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को सभी समुदायों के बीच विस्तार देने का
काम करेंगे।
नई दिल्ली। सभी वर्गों के युवाओं के बीच अपनी सर्व-स्वीकार्यता बढ़ाने को लेकर चिंतित आरएसएस ने इस काम के लिए चर्चित बिजनेस स्कूलों और इंजीनियरिंग के प्रोफेशनल्स का सहारा लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए 15 प्रोफेशनलों का संगठन में बतौर पार्ट टाइम मेंबर चयन किया गया है। अब यही प्रोफेशनल्स आरएसएस की स्वीकार्यता विस्तार योजना के वाहक बनेंगे।
इन प्रोफेशनल्स को आंकड़ों पर आधारित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के आधार पर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है। सभी प्रोफेशनल्स को सामािजक कल्याण शाखा सेवा भारती के अधीन काम करना होगा। ये युवा इस बात को सुनिश्चित करेगे कि कैसे सभी धर्मों, साम्प्रदायों, समुदायों और जातियों के लोग आरएसएस के हार्ड कोर हिंदुत्व की विचारधारा को पसंद करें व विरोधियों के भ्रमात्मक प्रचार को सकारात्मक नजरिये से लें।
सिक्स सिगमा फार्मूला पर करेंगे काम
पार्ट टाइमर प्रोफेशनल्स सिक्स सिगमा फार्मूला के तहत काम करेंगे। इसमें उन्हीं बिंदुओं को प्रमुखता से रखा गया है जो आरएसएस के विचारधारा का आधार स्तंभ है। इसके तहत जिन बातों पर जोर दिया जाएगा उनमें संस्कृति (कल्चर), संस्कार (वैल्यूज), स्वाभिमान (प्राइड), (सेल्फ-हेल्प), सेवा (सर्विस) और सत्य (ट्रूथ), शािमल हैं।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की सहभागिता पर जोर
15 सदस्यीय प्रोफेशनल्स में से एक बी सिद्धार्थ ने कहा कि इसका मकसद कॉलेज के युवाओं को स्वैच्छिक सेवा, राष्ट्र निर्माण व कमजोर तबके के युवाओं को मुख्यधारा से जोडऩे का काम करना होगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा कि जीवन में स्वैच्छिक सेवा का काम कितना अहम होता है।
टीच फार इंडिया मॉडल
यह मुख्य रूप में टीच फार इंडिया मॉडल पर आधारित कार्यक्रम है न कि कारपोरेट कल्चर का हिस्सा। हम लोग कॉलेज में जाएंगे और युवाओं से भारत के लिए एक नई सोच की बात करेंगे, क्योंकि अभी तक लोग पुरानी बातों को दुहराते-दुहराते ऊब चुके हैं।
स्वच्छ भारत अभियान की वकालत
पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के बारे में गली मोहल्लों में युवाओं की परिचर्चाएं आयोजित की जाएंगी। इसके लिए हर बस्ती में वालंटियर्स तैयार किया जाएगा। बस्तियों में सफाई अभियान चलाए जाएंगे। कॉलेजों में सेवा क्लब बनाने की योजना है।