
अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ”उच्च न्यायालय पीठ ने क्षोभ प्रकट करते हुए पुलिस की रिपोर्ट को खारिज कर दिया…. उन्होंने पीठ ने एक आदेश जारी कर ढाका के सीएमएम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कहा कि वह आरोपियों की पहचान करने के लिए न्यायिक जांच करें तथा तीन नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपें।
उन्होंने कहा कि आदेश जारी करते हुए न्यायमूर्ति मोईनुल इस्लाम चौधरी और न्यायमूर्ति आशीष रंजन दास की दो सदस्यीय पीठ ने पुलिस रिपोर्ट को ”अपूर्ण” तथा ”बिना निष्कर्ष वाला” बताया क्योंकि वे प्रधानाचार्य श्यामल कांति भक्त का मई में सार्वजनिक रूप से अपमान करने वाले आरोपियों की पहचान करने में असफल रहे हैं। भक्त नारायणगंज स्थित पियार सत्तार लतीफ हाई स्कूल में प्रधानाचार्य हैं।
अधिकारी ने कहा, ”पीठ ने पुलिस रिपोर्ट को संज्ञान में लेने वाले मजिस्ट्रेट की भी आलोचना की। उच्च न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने ऐसा करते हुए अपनी न्यायिक बुद्धि का प्रयोग नहीं किया।
भक्त को सार्वजनिक रूप से पीटा गया था और समझा जाता है कि ऐसा स्कूल की अब भंग हो चुकी संचालन समिति के इशारे पर किया गया, जो सांसद सलीम उस्मान की हिमायती थी। बाद में प्रधानाचार्य को धर्म के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी करने पर कान पकड़कर उठक बैठक लगाने को कहा गया।