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सेवायतों की मनमानी से पहुंच रही आस्था को ठेस

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सेवायतों की मनमानी से पहुंच रही आस्था को ठेस

सेवायतों की मनमानी से पहुंच रही आस्था को ठेस

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अमर उजाला वृंदावन

Updated Thu, 11 Aug 2016 12:00 AM IST

जन जन के आराध्य ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में प्राचीन परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मन को ठेस पहुंचाई जा रही है। सेवायतों की मनमानी के आगे मंदिर प्रबंधन की कार्रवाई नाकाफी दिख रही है। 

वर्षों से सेवायत बार बार ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की प्राचीन परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कभी ठाकुरजी को जींस-टीशर्ट धारण करा उनके हाथों में मोबाइल पकड़ा दिया गया तो कभी प्रदेश के प्रमुख सचिव और प्रशासनिक अधिकारियों को मंदिर परिसर में भोजन कराकर मंदिर की परंपराओं को तोड़ा गया। बार बार परंपराएं टूटीं और प्रबंधन की कार्रवाई जुर्माने तक ही सीमित रही। जुर्माना अदा न करने वाले सेवायतों को मंदिर से मिलने वाली सुविधाएं समाप्त कर दीं गईं। 

इसके बाद भी मंदिर की परंपराओं को तोड़ने की परंपरा रुकने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को मंदिर के सेवायत ने अपने यजमान के पुत्र का विवाह मंदिर में कराकर मंदिर की प्राचीन परंपरा को तोड़ा गया। इस पर मंदिर के प्रबंधक ने मंदिर प्रशासक मथुरा मुनसिफ और कमेटी को अवगत कराकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। 

बांके बिहारी मंदिर के शयन भोग सेवाधिकारी प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने कहा कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भाव और दर्शन सेवा की प्रधानता है। मंदिर में पूजा पद्धति भी नहीं है। ऐसे में मंदिर में विवाह समारोह, कर्मकांड संबंधी कोई कार्यक्रम और अन्य सामाजिक कार्य होने का सवाल हीं नहीं उठता है। मंदिर में विवाह कराया जाना मंदिर की परंपराओं को तोड़ना है। 

इंटक के जिलाध्यक्ष ताराचंद्र गोस्वामी ने कहा कि मंदिर परिसर में विवाह कराकर सेवायत ने हिंदू धर्म की अवहेलना की है। चतुर्मास में कोई विवाह समारोह और मांगलिक कार्य नहीं होते ऐसे में सेवायत ने यजमान के बच्चों का विवाह मंदिर में कराकर हिंदू संस्कृति और सभ्यता के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासक और प्रबंधन सेवायत पर जुर्माने तक की कार्रवाई तक सीमित ने रहे। कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जाए। 

इतनी बार टूटी परंपरा

14 सितंबर 2006 – सेवायत ने ठाकुरजी को जींस और टीशर्ट धारण कराई, मोबाइल पकड़ाया 

03 जनवरी 2015 – सेवायत ने राजभोग दर्शनों में बनाया कृत्रिम फूलों का बंगला 

07 जनवरी 2015 – श्रद्धालुओं को जगमोहन से दर्शन कराए 

20जनवरी 2015- श्रद्धालुओं को जगमोहन में लगे कटघरे के अंदर से दर्शन कराए, मंदिर प्रबंधन ने सेवायत को नोटिस देकर लगाया दंड 

31 जून 2015 – प्रदेश के प्रमुख सचिव अलोक रंजन और जिले के अधिकारियों को मंदिर परिसर में कुर्सी मेज लगाकर कराया भोजन

09 अगस्त 2016 – मंदिर के सेवायत ने मंदिर परिसर में यजमान के बेटे का विवाह कराया 

मंदिर में कोई विवाह नहीं कराया। यजमान के बच्चों के गृह दोषों के निवारण के लिए धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मंदिर प्रबंध कमेटी की स्कीम में मंदिर में बैंड बाजे बजाने, शोर करने और भोजन कराने पर रोक है, न शांति से परंपरागत धार्मिक कार्यक्रम कराने पर। पट बंद होने के लगभग आधे घंटे के बाद मंदिर परंपरा के अनुरूप धार्मिक कार्य कराए। मंदिर की प्राचीन परंपरा को नहीं तोड़ा है। 

– मनोज गोस्वामी 

राजभोग सेवाधिकारी, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर 

Source: सेवायतों की मनमानी से पहुंच रही आस्था को ठेस