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बांकेबिहारी मंदिर में शादी का मामला मुंसिफ कोर्ट तक पहुंचा

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बांकेबिहारी मंदिर में शादी का मामला मुंसिफ कोर्ट तक पहुंचा

बांकेबिहारी मंदिर में सोमवार को शादी समारोह के आयोजन को लेकर गोस्वामी समाज में रोष व्याप्त है। वे घटना की निंदा कर रहे हैं। वहीं मंदिर प्रबंधन ने मंदिर के प्रशासक व मथुरा मुंसिफ को इस मामले से अवगत करा दिया है। सोमवार दोपहर मंदिर के चौक में फेरों का मंडप और जगमोहन में वरमाला की रस्म होने के साथ ही मंदिर में पट बंद होने के दौरान बड़ी संख्या में रिश्तेदार भी शामिल हुए। इसको लेकर गोस्वामीजनों का विरोध मुखर होने लगा है। अधिकांश लोग अंदरखाने निंदा कर मंदिर की खंडित होती परंपराओं के प्रति चिंता जाहिर कर रहे हैं।

मंदिर प्रबंधन कमेटी के सदस्य एवं प्रवक्ता दिनेश गोस्वामी ने कहा कि मीडिया के माध्यम से पता चला कि मंदिर में शादी समारोह का आयोजन किया गया। यह आश्चर्य कर देने वाली घटना है। मंदिर में धार्मिक कार्य होने चाहिए। सामाजिक कार्य अनुचित है। यह अति निंदनीय है। यदि मंदिर प्रबंधन कमेटी के अधिकार सीज नहीं हुए होते तो यह मनमानी न होने पाती। हाईकोर्ट द्वारा अधिकार सीज होने के कारण हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। जो भी निर्णय लेना है, मंदिर प्रशासक एवं मथुरा मुंसिफ को लेना है। सेवायत प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने भी शादी को मंदिर की परंपराओं को तोड़ने वाला बताया। मंदिर के गोस्वामी ने कहा कि मंदिर प्रबंधन को शादी समारोह पर तभी रोक लगानी चाहिए थी।

मांगलिक दोष होने पर जयमाला, विष्णु विवाह कराया

बांकेबिहारी मंदिर में समारोह कराने वाले सेवायत मनोज गोस्वामी ने कहा कि हाईकोर्ट ने सिर्फ मंदिर में भोजन और प्रसाद ग्रहण करने पर रोक लगाई है, न कि किसी तरह के आयोजन पर। मैंने मंदिर में विष्णु विवाह और जयमाला की रस्म कराई थी, जोकि अनुचित नहीं है। उन्होंने बताया कि लुधियाना के यजमान थे। उन्हें मांगलिक दोष था। मंदिर में मुंडन, शादी की वर्षगांठ पर जयमाला और उत्सव मनाए जाते हैं।

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